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शेयर बाज़ार में उत्तोलन [Leverage] क्या होता है ? | परिभाषा, प्रकार

शेयर बाजार में “उत्तोलन” (Leverage) एक वित्तीय जरिया है जिसका उपयोग निवेशक या व्यापारी अपने पूंजी को बढ़ाने के लिए करते हैं। इसका मतलब होता है कि वे अपने निवेश में पूंजी का उपयोग करके अधिक पैसा निवेश कर सकते हैं और इस प्रक्रिया को उत्तोलन कहा जाता है। यह एक प्रकार का ऋण होता है जिसे निवेशक बाजार में अधिक निवेश करने के लिए उपयोग करते हैं।

यहां उत्तोलन के कुछ प्रमुख प्रकार हैं:

  1. Margin Trading (मार्जिन व्यापार): इसमें निवेशक अपने निवेश के लिए ब्रोकर से पैसे उधार लेते हैं और इसे अपने निवेश में जोड़कर बढ़ाते हैं। इस प्रकार, वे अपने पूंजी को बढ़ाते हैं, लेकिन इसका सावधानी से उपयोग करना आवश्यक है क्योंकि यह जोखिम से भरपूर हो सकता है।
  2. Derivatives (डेरिवेटिव्स): उत्तोलन का उपयोग डेरिवेटिव्स जैसे वित्तीय उपकरणों में भी किया जा सकता है, जैसे कि फ्यूचर्स और ऑप्शन्स। यहां निवेशक कम पूंजी के साथ बड़े वॉल्यूम के निवेश कर सकते हैं और बड़े मुनाफे की आशा कर सकते हैं, लेकिन इसमें जोखिम भी होता है।
  3. Debt (कर्ज): कुछ निवेशक उत्तोलन के रूप में कर्ज का उपयोग करके निवेश करते हैं। यह उन्हें अधिक पूंजी के साथ निवेश करने की अनुमति देता है, लेकिन वे अपने निवेश से प्राप्त किए गए लाभ के बाद कर्ज की चुकौती करने के लिए बायाँ कर्ज करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

उत्तोलन (Leverage) वित्तीय बाजार में एक प्राप्ति या नुकसान की प्राप्ति के लिए निवेश की वित्तीय सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है। यह निवेशकों को अधिक पूंजी के साथ निवेश करने की अनुमति देता है जो किसी विशिष्ट निवेश के लिए आवश्यक होती है।

उत्तोलन से जुड़े जोखिम होते हैं और अगर बाजार में खराब हालात होते हैं, तो नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक उत्तोलन का सही रूप से उपयोग करें और सावधानी बरतें।

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