ऑप्शन ट्रेडिंग एक वित्तीय वितरण या निवेश की प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति या निवेशक एक विशिष्ट प्रकार की वित्तीय संरचना को खरीदता है, जिसे “ऑप्शन” कहा जाता है, और फिर इसे वित्ती या सामाजिक परियोजनाओं के साथ व्यापार करता है। ऑप्शन ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य होता है मूल संपत्ति के मूल्य बदलने के पूर्वगणना करना और वित्तीय सुरक्षा के लिए खरीदी गई ऑप्शन का सही समय पर विपनन करना या रखना होता है।
यहां ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है, इसके मुख्य तत्व हैं:
- ऑप्शन की खरीदी: पहले, एक व्यक्ति या निवेशक किसी विशिष्ट एक्सचेंज पर जाकर एक ऑप्शन खरीदता है। इसके दो प्रमुख प्रकार होते हैं: कॉल ऑप्शन (Call Option) और पुट ऑप्शन (Put Option)।
- Call Option: यह एक वित्तीय उपकरण होता है जिसका मतलब होता है कि व्यक्ति या निवेशक किसी निश्चित मूल संपत्ति को एक निश्चित मूल्य पर खरीदने का अधिकार रखता है।
- Put Option: इसका मतलब होता है कि व्यक्ति या निवेशक किसी निश्चित मूल संपत्ति को एक निश्चित मूल्य पर बेचने का अधिकार रखता है।
- व्यापार (विपनन): जब एक व्यक्ति या निवेशक ऑप्शन खरीदता है, तो उन्हें वित्तीय या सामाजिक परियोजनाओं के साथ व्यापार करने का अधिकार होता है। यह उन्हें मूल संपत्ति को खरीदने या बेचने का विकल्प देता है, लेकिन वे इसे करने के आवश्यकता नहीं होते।
- समय की मर्यादा: सभी ऑप्शन के एक सीमित समय का अवधि होती है, जिसे “म्यूच्युरिटी डेट” कहा जाता है। यदि ऑप्शन का समय समाप्त हो जाता है और वह आपके पक्ष में नहीं होता, तो वह विफल हो जाता है और आपको वहाँ कोई लाभ नहीं होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग का उद्देश्य मूल संपत्ति की मूल्य में होने वाले बदलाव के साथ पैसा कमाना होता है, बिना संपत्ति को वास्तविक रूप से खरीदने की आवश्यकता के लिए यह वित्तीय निवेश की एक प्रकार हो सकता है, जिसमें वित्तीय या सामाजिक परियोजनाओं के साथ जोखिम और मुनाफा होता है।
यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो यह सरल हो सकता है, लेकिन यह एक वित्तीय पेशेवर या सलाहकार से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है, क्योंकि यह एक उच्च जोखिम वाला वित्तीय उपाय हो सकता है।