मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) एक वित्तीय एसेट, जैसे कि स्टॉक, बॉन्ड, या मुद्रा, की मूल्यांतर मूल्य की मूल्यांतर में विभिन्न मौलिक कारकों का विश्लेषण करके किया जाने वाला एक तरीका है। यह तरीका सामान्यत: निवेशकों द्वारा निवेश करने या बेचने के लिए सूचना निर्धारित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
यहां मौलिक विश्लेषण के मूल तत्वों को जानने के लिए मौलिक विश्लेषण की मूल बातें हैं –
वित्तीय विवरण: मौलिक विश्लेषण का प्रारंभ वित्तीय विवरणों के अध्ययन से होता है। तीन प्रमुख वित्तीय विवरण होते हैं –
आय की विवरण (Income Statement): यह किसी कंपनी की आय, व्यय और लाभ को एक निश्चित अवधि (सामान्यत एक तिमाही या एक वर्ष) में दिखाता है।
संतुलन पत्रक (Balance Sheet): इसमें किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति की एक झलक दी जाती है, जिसमें इसकी संपत्ति, देय और सेयरहोल्डर्स की पूंजी शामिल होती है।
नकदी प्रवाह पत्रक (Cash Flow Statement): यह किसी कंपनी के नकदी के आवागमन और निकास का प्रवाह दर्शाता है, जिससे कंपनी के नकदी उत्पन्न करने और प्रबंधित करने की क्षमता का मूल्यांकन किया जा सकता है।
मुख्य अनुपातों (Key Ratios):
मूल्य-कमाई (Price-to-Earnings, P/E) अनुपात: इसमें किसी कंपनी के स्टॉक मूल्य को उसके प्रति साझा लाभ (Earnings per Share, EPS) के साथ तुलना की जाती है। यह यहां तक की किसी स्टॉक की मूल्यांतर को समझने में मदद करता है कि क्या यह स्टॉक मूल्य की मांग के बराबर है या अधिक है।
मूल्य-बिक्री (Price-to-Sales, P/S) अनुपात: इसमें किसी कंपनी की बाजार पूंजी को उसकी कुल आय के साथ तुलना की जाती है। यह किसी कंपनी की मूल्यांतर को उसकी बिक्री के साथ मूल्यांकित करने के लिए उपयोगी है।
मूल्य-पुस्तक (Price-to-Book, P/B) अनुपात: इसमें किसी कंपनी की स्टॉक मूल्य को प्रति साझा पुस्तक मूल्य (कुल संपत्ति माइनस कुल देय) के साथ तुलना की जाती है। इससे स्टॉक की मूल्यांतर को उसके निवेश संपत्ति के साथ मूल्यांकित करने के लिए मदद मिलती है।
लाभ वृद्धि: किसी कंपनी की ऐतिहासिक और पूर्वानुमानित लाभ वृद्धि का विश्लेषण करें। लाभ में स्थिर वृद्धि आमतौर पर निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत होती है।
डिविडेंड और डिविडेंड यील्ड: देखें कि क्या कंपनी डिविडेंड देती है और उसका डिविडेंड इतिहास क्या है। डिविडेंड यील्ड (प्रति साझा डिविडेंड विभाजित स्टॉक मूल्य से भाग किया) निवेश की आय संभावना का मूल्यांकन करने के लिए उपयोग होता है।
प्रतिस्पर्धी स्थिति: कंपनी की उसके उद्योग में प्रतिस्पर्धी स्थिति का मूल्यांकन करें। इसमें उसके बाजार हिस्सेदारी, प्रतिस्पर्धी फायदे और प्रवेश के बाध्यताओं को समझने शामिल है।
प्रबंधन और नेतृत्व: कंपनी के प्रबंधन टीम की क्षमता और ईमानदारी का मूल्यांकन करें। उनका प्रशंसा और कंपनी के लिए उनका रणनीतिक दृष्टिकोण समझने में मदद करता है।
उद्योग और बाजार की प्रवृत्तियां: कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकने वाले औद्योगिक और उद्योग की प्रवृत्तियों को मूल्यांकन करें। उदाहरण के लिए, ब्याज दरों में परिवर्तन, प्रौद्योगिकी की प्रगति, या नियामक बदलाव।
मैक्रो-आर्थिक कारक: वित्तीय बाजारों को प्रभावित कर सकने वाले मैक्रो-आर्थिक संकेतों का विश्लेषण करें, जैसे कि मुद्रास्फीति, जीडीपी वृद्धि, और ब्याज दरें।
मूल्यमानन मॉडल्स: निवेश के मूल्यांतर की मूल्यांकन करने के लिए डिस्काउंटेड कैश फ्लो (Discounted Cash Flow, DCF) जैसे विभिन्न मूल्यमानन मॉडल का उपयोग करें।
जोखिम का मूल्यांकन: निवेश के साथ जुड़े जोखिमों की पहचान और मूल्यांकन करें, जैसे कि उद्योग-विशिष्ट जोखिम, कंपनी-विशिष्ट जोखिम, और मैक्रो-आर्थिक जोखिम।
गुणवत्ता अनुमान तत्व: कंपनी की ब्रांड प्रतिष्ठा, ग्राहक संज्ञान और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की तरह गुणवत्ता तत्वों को ध्यान में रखें।
समाचार और घटनाएं: कंपनी के प्रॉस्पेक्ट्स को प्रभावित कर सकने वाली समाचार और घटनाओं पर अद्यतित रहें, जैसे कि लाभ विवरण, उत्पाद लॉन्च, कानूनी मुद्दे, और भौगोलिक घटनाएं।