शेयर मार्केट में “स्टॉप लॉस” एक वित्तीय उपाय होता है जिसका उद्देश्य नुकसान से बचना है। स्टॉप लॉस एक प्रक्रिया है जिसमें एक निवेशक या विपणनकर्ता अपने शेयर खरीदी गई स्टॉक की मूल्य को निश्चित स्तर पर बंद करता है, ताकि उनका नुकसान नियंत्रित रह सके।
स्टॉप लॉस का मतलब होता है कि निवेशक या विपणनकर्ता तय किए गए मूल्य स्तर पर शेयर को बेच देगा (यदि वह खरीदी है) या खरीदेगा (यदि वह बेची है), अगर स्टॉक की मूल्य उनके निश्चित स्तर से नीचे जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है कि निवेशक या विपणनकर्ता अधिक नुकसान से बच सके जब शेयर की मूल्य में गिरावट होती है।
इसके दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
- बुक प्रोफिट स्टॉप लॉस (Take Profit Stop Loss): इसमें निवेशक एक निश्चित मूल्य स्तर पर अपने निवेश को बेच देते हैं तथा लाभ प्राप्त करते हैं जब शेयर की मूल्य उनके लाभ स्तर पर पहुँचती है।
- स्टॉप लॉस (Stop Loss): इसमें निवेशक एक निश्चित मूल्य स्तर पर अपने निवेश को बेच देते हैं तथा नुकसान से बचते हैं जब शेयर की मूल्य उनके नुकसान स्तर पर पहुँचती है।
स्टॉप लॉस का उपयोग वित्तीय निवेशों में नुकसान को सीमित करने और निवेशकों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह भी ध्यान देने वाला है कि यह निवेशकों के लिए कुछ स्थितियों में नुकसान पैदा कर सकता है, जैसे कि यदि शेयर की मूल्य में छलाव या अचानक कीमत गिरावट होती है।आप इसे Capital Investopedia से सीख सकते है